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एक ही दुश्मन से बार बार नहीं लड़ना चाहिए

नेपोलियन बोनापार्ट ने कहा था......आपको एक ही दुश्मन से बार बार नहीं लड़ना चाहिए, वरना आप अपने तमाम युद्ध कौशल उसे सिखा देंगे!
पति पत्नी के संबंधो में भी यही होता है दोनों योद्धा एक दुसरे के वारो से इतना परिचित होते हैं कि.............
युद्ध चलता रहता है ....हल कुछ नहीं निकलता !!!!!


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आज खुला दुश्मन के पीछे दुश्मन थे


और वो लश्कर इस लश्कर की ओट में था

ग़ुलाम हुसैन साजिदग़ज़ल देखिए

अजब हरीफ़ था मेरे ही साथ डूब गया


मिरे सफ़ीने को ग़र्क़ाब देखने के लिए

इरफ़ान सिद्दीक़ीग़ज़ल देखिए

'अर्श' किस दोस्त को अपना समझूँ


सब के सब दोस्त हैं दुश्मन की तरफ़

 दोस्त

अर्श मलसियानीग़ज़ल देखिए

बहारों की नज़र में फूल और काँटे बराबर हैं


मोहब्बत क्या करेंगे दोस्त दुश्मन देखने वाले

 मोहब्बत, दोस्त, बहार

कलीम आजिज़

दिन एक सितम एक सितम रात करो हो


वो दोस्त हो दुश्मन को भी तुम मात करो हो

 दोस्त

कलीम आजिज़ग़ज़ल देखिए

दोस्ती जब किसी से की जाए


दुश्मनों की भी राय ली जाए

 दोस्त, फ़ेमस, दोस्ती

राहत इंदौरी

दोस्ती की तुम ने दुश्मन से अजब तुम दोस्त हो


मैं तुम्हारी दोस्ती में मेहरबाँ मारा गया

 दोस्ती

इम्दाद इमाम असरग़ज़ल देखिए

दोस्तों और दुश्मनों में किस तरह तफ़रीक़ हो


दोस्तों और दुश्मनों की बे-रुख़ी है एक सी

 दोस्त

जान काश्मीरीग़ज़ल देखिए

दोस्तों से इस क़दर सदमे उठाए जान पर


दिल से दुश्मन की अदावत का गिला जाता रहा

 दोस्त

हैदर अली आतिशग़ज़ल देखिए

दुनिया में हम रहे तो कई दिन प इस तरह


दुश्मन के घर में जैसे कोई मेहमाँ रहे

 दुनिया, मेहमान

क़ाएम चाँदपुरीग़ज़ल देखिए

दुश्मनों की जफ़ा का ख़ौफ़ नहीं


दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं

 दोस्त, वफ़ा

हफ़ीज़ बनारसीग़ज़ल देखिए

दुश्मनों ने जो दुश्मनी की है


दोस्तों ने भी क्या कमी की है

 दोस्त, दुशमनी, दोस्ती

हबीब जालिबग़ज़ल देखिए

दुश्मनों से पशेमान होना पड़ा है