एकाग्रता की शक्ति को कैसे बढ़ाये

एकाग्रता की शक्ति को कैसे बढ़ाये
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चाहे आप कहीं भी कोई भी काम कर रहे हों, हर जगह ध्यान भटकाने वाली चीजें होती हैं। इसलिए काम पर एकाग्र होना एक मुश्किल काम है। मनुष्य का मस्तिष्क ऐसा नहीं है कि वह आसपास होने वाले कोलाहल को नजरअंदाज कर सके। माहौल में जरा सी भी हलचल ध्यान भटकाने के लिए काफी होती है।एकाग्रता को बढ़ाने के लिए ढृढ़ता बेहद जरूरी हैं।
۩  जीवन में एकाग्रता बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और इसके इलावा हर क्षेत्र जैसे बिज़नस, जॉब, लौकिक पढ़ाई आदि। किसी भी कार्य में सफलता का आधार एकाग्रता होती है। एकाग्रता वास्तव में एक बहुत बड़ी *तपस्या* है, यह *निरंतर अभ्यास* से हासिल होती है। मन को एकाग्र करने के कुछ अनुभव में से *टिप्स* इस प्रकार हैं ―
۩  मन और बुद्धि का एक होकर कार्य में साथ देना। जितना मन-बुद्धि साथ होंगे उतनी एकाग्रता बढ़ेगी।
۩  *माहौल का करें चुनाव*
आप जिस माहौल में काम करते हैं, वह एकाग्रता को बढ़ाने में काफी महत्वपूर्ण होता है। आरामदायक और आकर्षक माहौल में काम करते समय पूरी तरह से एकाग्रता हासिल की जा सकती है।
۩  *विचारों को नियंत्रित करें*
अपने दिमाग में अनौपचारिक विचार न आने दें। इससे बेवजह ही आपकी एकाग्रता भंग होगी। जब भी मन में काम से अलग विचार आए तो उस पर ध्यान न दें और आप जो काम कर रहे हैं उन पर पूरी तरह से केंद्रित हो जाएं।
۩  *टाइम प्लान बनाएं*
आपको जो काम करना है उसकी सूची बना लें। इसमें संतुलन के जरूरी है कि गंभीर काम को पर्याप्त समय दें।
۩  *नकारात्मक न सोचें*
मन में ऐसे विचार न आने दें कि आप खुद को एकाग्र नहीं कर सकते। इससे दिमाग को यह संदेश जाएगा कि आपमें एकाग्रता की कमी है। ऐसे में काम पर ध्यान केंद्रित करना और भी मुश्किल हो जाएगा।
۩  *मल्टी-टास्किंग से बचें*
मल्टी-टास्किंग में कभी भी एकाग्रता हासिल नहीं की जा सकती। जब आपके सामने काम का अंबार होगा तो आप जो काम कर रहें हैं, उस पर ध्यान नहीं लगा पाएंगे।
۩  *लक्ष्य पर फ़ोकस करें*
जो लक्ष्य जीवन में लेकर चले उस पर सम्पूर्ण रूप से ध्यान दे। जो बात बीत गई उसे छोड दे।अपना प्रेजेंट अच्छे से अच्छा करे।व्यर्थ देखने का सुख हमें एकाग्र होने नही देता।
۩  *शोर शराबा न हो*
ये काफी महत्वपूर्ण है कि आप जहाँ काम कर रहे हैं वहाँ ज्यादा शोर शराबा न हो। इससे आप काम पर ध्यान केंद्रित कर सकते है।
۩  *आहार और व्यायाम*
एकाग्रता हासिल करने में संतुलित आहार और व्यायाम की भी अहम भूमिका होती है। जरूरी पोषक तत्व के अभाव से आप में थकान और आलस्य आ सकता है। इसलिए विटामिन ई से भरपूर बादाम और फल को अपने आहार में शामिल करें। साथ ही रूटीन के तहत व्यायाम भी करें।
۩  *काम को समझें*
अगर आप को यह अच्छी तरह से मालूम न हो कि आपको करना क्या है, तो ऐसे में काम के प्रति एकाग्र होना और भी मुश्किल हो जाता है।
۩  *टाल-मटोल न करें*
टाल-मटोल की आदत कभी न डालें। यह एकाग्रता पर गहरा असर डालता है। जबतक कि आप बोझिल कामों को निपटा न लें, अपनी सीट से न उठें।
۩  *सकारात्मक रहें*
जब भी आपको काम पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत हो तो हमेशा अपने आप से बार-बार कहें कि आप ध्यान लगा सकते हैं। यह आपके अंदर एकाग्रता बढ़ाने में मददगार साबित होगा।
۩  *काम को बांटे*
जिस काम का कोई स्पष्ट आरंभ और अंत न हो वह आपके ध्यान को भटका सकता है। अगर आपके पास कोई बहुत बड़ा प्रोजेक्ट हो तो एक रास्ते का चयन करें, जिससे आप उस काम को शुरू कर सकें।
۩  एकाग्रता मतलब किसी चीज़ को लेकर हमारा फोकस।जो एकाग्रता में रहते है उनके संकल्पों में बहुत बल होता है।
۩  *अनुशासन*
अपने आप को अनुशासन में रखना काफी जरूरी होता है। साथ ही प्रभावी काम के लिए जरूरी है कि आप उसमें ज्यादा समय दें। इसलिए छोटे काम से शुरुआत करें और अगर आप आसानी से ध्यान नहीं लगा पा रहे हैं, तो काम को पूरा समय दें।
۩  *अच्छी नींद लें*
अपने सोने का समय सुनिश्चित करें। अगर आप अच्छी नींद नहीं ले रहे हैं तो आप पर थकावट और आलस्य हावी रहेगा। ऐसे में आप किसी भी काम पर ध्यान नहीं लगा पाएंगे।
۩  *जरूरी चीजों की व्यवस्था करें*
इस बात को सुनिश्चित करें कि काम करने से पहले आपने उसके लिए जरूरी चीजों की व्यवस्था कर ली है। इससे अनावश्यक भटकाव नहीं होगा और आप स्थिर होकर काम कर पाएंगे।
۩  इसके इलावा एकाग्रता के अभ्यास के लिए छोटी छोटी चीज़ें फॉलो करना जैसे अपनी श्वास पर ध्यान केंद्रित करना, अपने मन की चेकिंग करना, अपने दिल की धड़कन की सुनना आदि।
۩ ۩  *अव्यक्त बापदादा* ۩ ۩
۩  जहाँ एकाग्रता होगी, वहाँ संकल्प, बोल और कर्म का व्यर्थपन समाप्त हो जाता है और समर्थपन आ जाता है । समर्थ होने के कारण सब में सिद्धि हो जाती है। (28-12-1979)
۩  *साइंस का महत्व क्यों है?*
प्रयोग में आती है तब सब समझते है, हाँ, साइंस अच्छा काम करती है तो साइलेंस की पॉवर का प्रयोग करने के लिए एकाग्रता की शक्ति चाहिए और एकाग्रता का मूल आधार है- मन की कंट्रोलिंग पॉवर, जिससे मनोबल बढ़ता है । मनोबल की बड़ी महिमा है, यह रिद्धि सिद्धि वाले भी मनोबल द्वारा अल्पकाल के चमत्कार दिखाते है । आप तो विधिपूर्वक, रिद्धि सिद्धि नहीं, विधिपूर्वक कल्याण के चमत्कार दिखाएंगे जो वरदान हो जायेंगे; आत्माओं के लिए यह संकल्प शक्ति का प्रयोग वरदान सिद्ध हो जायेगा । 
۩  एकाग्रता बढ़ाने के लिए मन में श्रेष्ठ विचारो का होना अति आवश्यक हैं।बुद्धि को शुद्ध करे।
नीचे दिये गए स्वमान का अभ्यास करें।रात को सोने से पहले 108 बार 21 दिन तक लिखें:

मैं एकाग्रचित्त आत्मा हूँ
मैं एक महान आत्मा हूँ।

मैं परम पवित्र आत्मा हूँ।
           संकल्प करें......मैं मास्टर सर्वशक्तिमान आत्मा हूँ....मेरे पास सभी शक्तिया हैं...मेरे पास एकाग्रता की शक्ति भी है।
۩  परमात्मा जो सर्वशक्तियों का सागर हैं, दाता हैं उसे जाने और उससे अपना connection जोड़े।धीरे 2 उसकी शक्तिया आपके अंदर आने लगेंगे और आपका मन शांत होता जायेगा। एकाग्रता बढ़ती जायेगी।और मानसिक डिस्टर्बेंस धीरे-धीरे समाप्त होता जाएगा।
۩ व्यर्थ देखना जैसे टीवी इंटरनेट कुदृष्टि आदि, व्यर्थ सुनना, व्यर्थ बोलना, व्यर्थ व अनावश्यक सोचना आदि पर नियंत्रण करने से 90% तक एकाग्रता को बढाया जा सकता है।

*23 मार्च शहीदे आझम ने अंजळी.*

*23 मार्च ..शहीदे आझम ने अंजळी.*
,          *हिंद जाया नुं हालरडु*



पिता किसन सिंह अने मां विध्यावती ने ज्यारे पोताना खोळाना खुंदनार ने फांसी नी पेहला छेल्ली वखत मळवा जवानुं हशे..ई चोविस मी मार्च ना लाहोर जेल ने दरवाजे मां पोताना दीकरा ने छेल्ली वार मळवाना अबरखे उभी हसे अने खबर मळे के फांसी तो काल रात्रेज अपाई गई..अने मृत देह सोंपाणो होय..ई आंखो बंद करी ने सुतेला त्रण सावजो ..मां भारती ना भुलकां...सुखदेव राजगुर अने भगतसिंह...ऐनी बंध आखो जोई मां ने काळजे केवा घा वाग्या हशे...आ हिंद ने बिजा तो शुं ठबका देवा ? 




.            *|| हाला गाउं हिंद ना लाला ||*
.        *रचना : जोगीदान गढवी (चडीया )*
.           *राग:  बेटी बहुं बाप ने व्हाली*


लोट्यो तुंतो हिंद ना लाला, हैडा फाट गाउं हुं हाला
काळजडाने बोल ई काला, भोकें मारी छातीये भाला...टेक
निकळ्यो तो तुं निहाळ जावा ने, जलीया वाला जेल
दील दीधुं तुं देस ने तारा, मन मां नोंहतोय मेल
आग्युं घट सळगे आला..हाला गाउं हिंद ना लाला..||01||
खेतरे जई ने खेलतो तो तुं, हळ वावी हथीयार
जोई रहे केम सिखणीं जायो, मातृ भुमी ने मार
मंड्यो लईन हाथ मिशाला, हाला गाउं हिंद ना लाला..||02||
आटक्यो तुं अंगरेज ने माथे, बाटक्यो तुं बळवान
साटक्यो तें सारडील ने सेरी, जाटक्यो लीधेल जान
दागी त्रण गोळीयुं डाला..लीधूं तेंतो वेर ई लाला...||03||
दोसतारुं संग दीधीयुं तेतो, घारा सभा मां धिंह..
बोम फेंकी ने तुं बंकडा बोल्यो, हुं सिखणीं जायो सिंह
अंगरेजांय भर्य उचाला, हरखी तारा गाउं हुं हाला..||04||
थथरी गोरा ना काळजां कंप्या, पाडतां तुं  पड़कार
जुलतो लाहोर मांचडे जोया, अमे  हिंद माता नो हार
विरा त्रण लागीया वाला, हाला गाउ हिंद ना लाला..||05||
हिंद हैये तुं हीबकी हाल्यो, सहीद आजम नो सूर
जननीने जोगीदान जळेळ्या, पांपणे आंहुना पूर
ठबका शुं आ देस ने ठाला, हाला गाउं हिंद ना लाला..||06||

*अनमोल मोती अगर कचरे के भी गिर जाए तो भी उसकी चमक और कीमत कम नही होती है*

*किसी अच्छे इंसान से अगर कोई कभी गलती हो जायें तो सहन कर लेनी चाहिए*
*क्योकि अनमोल मोती अगर कचरे के भी गिर जाए तो भी उसकी चमक और कीमत कम नही होती है*

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बड़ी सीख
आँख दुनिया की हर एक चीज देखती है,
मगर जब आँख के अन्दर कुछ चला जाए तो
उसे नहीं देख पाती....
*```बिल्कुल इसी तरह इंसान दूसरे के गलती तो देखता है
पर अपनी गलती उसे नजर नही आती है।```*

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सुन्दर लाइन;
मेरी गलतियां मुझसे कहो
दूसरो से नहीं
कियोंकि सुधार ना मुझे है उनको नहीं

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*अकेले हम बूँद हैं,*
          *मिल जाएं तो सागर हैं।*
*अकेले हम धागा हैं,*
          *मिल जाएं तो चादर हैं।*
*अकेले हम कागज हैं,*
          *मिल जाए तो किताब हैं।*
*अकेले हम अलफ़ाज़ हैं,*
          *मिल जाए तो जवाब हैं।*
*अकेले हम पत्थर हैं,*
          *मिल जाएं तो इमारत हैं।*
*अकेले हम दुआ हैं,*
          *मिल जाएं तो इबादत हैं।*

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         *नम्रता से बात करना*
    *हर एक का आदर करना*
        *शुक्रिया अदा करना*
                   *और*
             *माफी मॉगना*
       *ये गुण जिसके पास हैं*
                *वो सदा*
         *सबके करीब औऱ*
        *सबके लिये खास होता है*
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*चार वेदो का अर्थ ना जानो तो*
*कोई बात नहीं।*
      *परंतु*
*समझदारी, जवाबदारी,*
*वफ़ादारी, और ईमानदारी,*
*ये चार शब्दों का मर्म जानों*
*तो भी जीवन सार्थक हो जाये*.....

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देश भक्ति शायरी - तमाम शहीदों ने श्रधान्जली

देश भक्ति शायरी - तमाम शहीदों ने श्रधान्जली

 देश भक्ति शायरी

1: शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पे मर मिटनेवालों का बाकी यही निशां होगा

2: अनेकता में एकता ही इस देश की शान है,
इसीलिए मेरा भारत महान है

3: हमारी पहचान तो सिर्फ ये है कि हम भारतीय हैं – जय भारत, वन्दे मातरम

4: मैं भारतवर्ष का हरदम अमिट सम्मान करता हूँ
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।

5: जो देश के लिए शहीद हुए
उनको मेरा सलाम है
अपने खूं से जिस जमीं को सींचा
उन बहादुरों को सलाम है..

6: खून से खेलेंगे होली,
अगर वतन मुश्किल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना
अब हमारे दिल में है,,

7: खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं,
मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं,
करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों,
तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है…

8: जो अब तक ना खौला, वो खून नहीं पानी है,
जो देश के काम ना आये, वो बेकार जवानी है

9: सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा
हम बुलबुलें हैं उसकी वो गुलसिताँ हमारा।
परबत वो सबसे ऊँचा
हमसाया आसमाँ का
वो संतरी हमारा वो पासबाँ हमारा ……

10: ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर न आये….

11: लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा
मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे मेरा कि,
मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा

12: मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिए
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए
जब तक जिन्दा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए
और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये
* जय-हिन्द *

13: अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं

14: इतनी सी बात हवाओं को बताये रखना
रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना
लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने
ऐसे तिरंगे को हमेशा दिल में बसाये रखना

15: आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे
बची हो जो एक बूंद भी लहू की
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे

16:देशभक्तों से ही देश की शान है
देशभक्तों से ही देश का मान है
हम उस देश के फूल हैं यारों
जिस देश का नाम हिंदुस्तान है

17:मेरे देश तुझको नमन है मेरा,
जीऊं तो जुबां पर नाम हो तेरा
मरूं तो तिरंगा कफन हो मेरा

18:ये दुनिया….एक दुल्हन
ये दुनिया….एक दुल्हन…दुल्हन के माथे पे बिंदिया
I Love My India

19:लहराएगा तिरंगा अब सारे आसमान पर
भारत का ही नाम होगा सबकी जुबान पर
ले लेंगे उसकी जान या खेलेंगे अपनी जान पर
कोई जो उठाएगा आँख हिंदुस्तान पर

20:गुलाम बने इस देश को आजाद तुमने कराया है
सुरक्षित जीवन देकर तुमने कर्ज अपना चुकाया है
दिल से तुमको नमन हैं करते
ये आजाद वतन जो दिलाया है

21:कर जज्बे को बुलंद जवान, तेरे पीछे खड़ी आवाम !
हर दुश्मन को मार गिराएंगे, जो हमसे देश बँटवाएंगे !!

22:आन देश की, शान देश की, इस देश की हम संतान हैं !
तीन रंगों से रंगा तिरंगा, अपनी ये पहचान है !!

23:सीने में जूनून और आँखों में देशभक्ति की चमक रखता हूँ !
दुश्मन की सांसे थम जायें, आवाज में इतनी धमक रखता हूँ !!

24:इस वतन के रखवाले हैं हम
शेर ए जिगर वाले हैं हम
मौत से हम नहीं डरते
मौत को बाँहों में पाले हैं हम
वन्दे मातरम…

25:जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
क्या लोग थे वो अभिमानी
है धन्य वो उनकी जवानी

जय हिन्द!!

26:देश के लिए मर मिटना कुबूल है हमें
अखंड भारत के सपने का जूनून है हमें

27:खींच दो अपने ख़ूँ से जमीं पर लकीर
इस तरफ आने पाये ना रावण कोई
तोड़ दो अगर कोई हाथ उठने लगे
छू ना पाये सीता का दामन कोई
राम भी तुम तुम्हीं लक्ष्मण साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

28:ऐ मेरे प्यारे वतन,
ऐ मेरे पिछड़े चमन
तुझ पे दिल कुर्बान

29:तेरे दामन से जो आये, उन हवाओं को सलाम
चूम लूँ मैं उस जुबां को जिस पे आये तेरा नाम
सबसे सुन्दर सुबह तेरी
सबसे सुन्दर तेरी शाम
तुझ पे दिल कुरबान
ऐ मेरे प्यारे वतन,
ऐ मेरे पिछड़े चमन
तुझ पे दिल कुर्बान।।

30:तिरंगा है आन मेरी
तिरंगा ही है शान मेरी
तिरंगा रहे सदा ऊँचा हमारा
तिरंगे से है धरती महान मेरी

31:सुन्दर है जग में सबसे, नाम भी सबसे न्यारा है
वो देश हमारा है, वो देश हमारा है

जहाँ जाति भाषा से बढ़कर देशप्रेम की धारा है
वो देश हमारा है, वो देश हमारा है

32:जिंदगी है कल्पनाओं की जंग
कुछ तो करो इसके लिए दबंग
जियो शान से भरो उमंग
लहराओ सबसे दिलों में देश के लिए तिरंग

33:अधिकार मिलते नहीं लिए जाते हैं
आजाद हैं मगर गुलामी किये जाते हैं
वंदन करो उन सेनानियों को
जो मौत के आँचल में जिए जाते हैं

34:उड़ जाती है नींद ये सोचकर
कि सरहद पे दी गयीं वो कुर्बानियां
मेरी नींद के लिए थीं

35:इश्क तो करता है हर कोई
महबूब पे तो मरता है हर कोई
कभी वतन को महबूब बना के देखो
तुझ पे मरेगा हर कोई

36:कर चले हम फ़िदा जाने तन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
….अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

37:कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की मान का है,
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिन्दुस्तान की शान का है….

38:उनके हौंसले का मुकाबला ही नहीं है कोई
जिनकी कुर्बानी का कर्ज हम पर उधार है
आज हम इसीलिए खुशहाल हैं क्यूंकि
सीमा पे जवान बलिदान को तैयार है….





*चढ गये जो हंसकर सूली, खाई जिन्होने सीने पर गोली, हम उनको प्रणाम करते हैं. जो मिट गये देश पर, हम उनको सलाम करते हैं..*

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*जब आँख खुले तो धरती हिन्दुस्तान की हो:*
*जब आँख बंद हो तो यादेँ हिन्दुस्तान की हो:*
*हम मर भी जाए तो कोई गम नही लेकिन;*
*मरते वक्त मिट्टी हिन्दुस्तान की हो।*
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*जिसके दिल में , प्यार नहीं, आजादी का , हक़दार नहीं. मेरा वतन , गुलज़ार है , यहाँ ख़ारों से , इक़रार नही..*
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*अगर मैं जन्म लू दुबारा इंसान में*
*भगवन देना मिट्टी हिन्दुस्तान की*
*होंठो पे गंगा हो हाथो में तिरंगा हो"*

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*अब तक जिसका खून न खौला,वो खून नहीं वो पानी है जो देश के काम ना आये ,वो बेकार जवानी है*
*बोलो भारत माता की जय.*


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*कभी सनम को छोड़ के देख लेना, कभी शहीदों को याद करके देख लेना, कोई महबूब नहीं है वतन जैसा यारो, मेरी तरह देश से कभी इश्क करके देख लेना.. **
*वंदे मातरम*
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*दे सलामी इस तिरंगे को जिससे तेरी शान है . सिर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक दिल में जान हैं ..*

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*कुछ नशा तिरंगे की आन का है ,*
*कुछ नशा मातृभूमि की शान का है ,*
*हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा , नशा ये हिन्दुस्तां के सम्मान का है ..*




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*मेरी धडकनो में धडकता रहे तु , मेरे देश तुझको नमन है मेरा, जीऊं तो जुबां पर तेरा नाम हो मरूं तो तिरंगा कफन हो मेरा।.*


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*मैं भारत बरस का हरदम अमित सम्मान करता हूँ यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ, मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की, तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।.*

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*आज़ादी की कभी शाम ना होने देंगे , शहीदों की कुर्बानी बदनामी ना होने देंगे , .बच्ची है जो एक बूंद भी लहू की तब तक भारत माँ का आँचल नीलाम ना होने देंगे !.*


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चले आओ मेरे परिंदों लौट कर अपने आसमान में,
देश की मिटटी से खेलो, दूर-दराज़ में क्या रक्खा है



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Adhikar milte nahi liye jate hain
Aajad hain magar gulami kiye jate hain
Vandan karo un senaniyon ko
Jo maut ko aanchal mein jiye jate hain…




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Itni Si Baat Hawaaon Ko Bataaye Rakhna
Roshni Hogi Chiraagon Ko Jalaaye Rakhna
Lahu Dekar Ki Hai Jiski Ifajat Hamne
Aise Tirange Ko Hamesha Apne Dil Mein Basaaye Rakhna.


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unke hawsle ka bhugtaan kya karega koi….
unki shahadat ka karj desh pr udhar hai….
aap aur ham is liye khushhaal hain Qki….
seema pe sainik shahadat ko taiyar hai……



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ये बात हवाओं को बताये रखना,
रौशनी होगी बस चिरागों को जलाये रखना,
लहू देकर जिसकी हिफाज़त हमने की,
ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना…


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Khoon se khelenge holi,
Agar watan mushkil mein hain,
Sarfaroshi ki tamanna,
Ab humarey dil mein hain,
Aao milkar kare desh ko salam Bolo mera bharat mahan….!!!


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Waqt aa gaya hai ab duniya ko saaf-saaf kehna hoga,
Desh prem ki prabal dhaar mein har man ko behna hoga,
Jise tiranga lage paraya, mera desh chhod jaaye,
Hindustan mein Hindustani bankar hi rehna hoga.


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देश को आजादी के नए अफसानों की जरूरत है
भगत-आजाद जैसे आजादी के दीवानों की जरूरत है……..
भारत को फिर देशभक्त परवानों की जरूरत है……



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आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे
बची हो जो एक बूंद भी लहू की
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे


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न पूछो ज़माने को,
क्या हमारी कहानी है,
हमारी पहचान तो सिर्फ ये है,
की हम सिर्फ हिन्दुस्तानी हैं ……!!!

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मैं भारतवर्ष का हरदम अमिट सम्मान करता हूँ
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।


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अनेकता में एकता ही इस देश की शान है,
इसीलिए मेरा भारत महान है



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खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं,
मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं,
करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों,
तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है.


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जो अब तक ना खौला, वो खून नहीं पानी है,
जो देश के काम ना आये, वो बेकार जवानी है



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जिंदगी जब तुझको समझा, मौत फिर क्या चीज है
ऐ वतन तू हीं बता, तुझसे बड़ी क्या चीज है.


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मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिए
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए
जब तक जिन्दा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए
और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये



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अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं



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न मरो सनम बेवफा के लिए,
दो गज जमीन नहीं मिलेगी दफ़न होने के लिए,
मरना है तो मरो वतन के लिए,
हसीना भी दुपट्टा उतार देगी तेरे कफ़न के लिए.



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कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिंदुस्तान की शान का है.



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चलो फिर से आज वो नजारा याद कर लें,
शहीदों के दिल में थी वो ज्वाला याद करले,
जिसमे बहकर आज़ादी पहुची थी किनारे पे,
देशभक्तों के खून की वो धरा याद कर लें.


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इश्क तो करता है हर कोई,
महबूब पे मरता है तो हर कोई,
कभी वतन को महबूब बना कर देखो
तुझ पे मरेगा हर कोई ……….!!!



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वतन हमारा ऐसे न छोड़ पाए कोई,
रिश्ता हमारा ऐसे न तोड़ पाए कोई,
दिल हमारे एक है एक है हमारी जान,
हिंदुस्तान हमारा है, हम है इसकी शान.


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ये बात हवाओ को भी बताये रखना,
रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना,
लहू देकर जिसकी हिफाज़त हमने की ..
ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना .


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Har waqt meri aankho me dharti ka swpan ho.
Jab kbhi mru to tirnga mera kfan ho.
Aur koi khwahis nahi zindgi me.
Jab kbhi janmu to BHARAT mera vatan ho.

*अभिमान तब आता है* *जब हमे लगता है हमने कुछ काम किया है,* *और* .. .. .. *सम्मान तब मिलता है .. .. ..* *जब दुनिया को लगता है,* *कि आप ने कुछ महत्वपूर्ण काम किया है ।।*

घमंड से अपना *सर* ऊँचा न करे...
जीतने वाले भी ....
अपना *गोल्ड मैडल*...
सिर झुका के हासिल करते है




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आहिस्ता से पढना- पछतायेगा कौन ? 
एक वाक्य भी दिल में बैठ गया तो कविता सार्थक हो जायेगी -
मैं रूठा ,
      तुम भी रूठ गए
                      फिर मनाएगा कौन ?
आज दरार है ,
           कल खाई होगी
                           फिर भरेगा कौन ?
मैं चुप ,
     तुम भी चुप
          इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन ?
छोटी बात को लगा लोगे दिल से ,
                 तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?
दुखी मैं भी और  तुम भी बिछड़कर ,
                   सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?
न मैं राजी ,
       न तुम राजी ,
             फिर माफ़ करने का बड़प्पन
                                       दिखाएगा कौन ?
डूब जाएगा यादों में दिल कभी ,
                        तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ?
एक अहम् मेरे ,
       एक तेरे भीतर भी ,
               इस अहम् को फिर हराएगा कौन ?
ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ?
              फिर इन लम्हों में अकेला
                                     रह जाएगा कौन ?
मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन
           एक ने आँखें....
                तो कल इस बात पर फिर
                                      पछतायेगा कौन ?




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      *कोई आपके लिए रूपये*
               *खर्च करेगा तो कोई*
                *समय खर्च करेगा,*
             *समय खर्च करने वाले*
         *व्यक्ति को हमेशा अधिक*
              *महत्व और सम्मान*
                 *देना क्योंकि...*
           *वह आपके पीछे अपने*
           *जीवन के वो पल खर्च*
          *कर रहा है जो उसे कभी*
             *वापिस नही मिलेंगे !!*



*अभिमान तब आता है*
*जब हमे लगता है हमने कुछ काम किया है,*
                *और* .. .. ..
    *सम्मान तब मिलता है .. .. ..*
*जब दुनिया को लगता है,*
*कि आप ने कुछ महत्वपूर्ण काम किया है ।।*



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रेती मा पडेली खाँड़ कीडी वीणी शके पण हाथी नही
तेथी क्यारेय नाना माणस ने नानों न गणवो,
क्यारेक नानों माणस मोटु काम करी जाय छे,

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दर्पण जब चेहरे का दाग दिखाता है,
तब हम दर्पण नहीं तोडते बल्कि दाग साफ करते हैं।
उसी प्रकार हमारी कमी बताने वाले पर क्रोध करने के बजाय कमी दूर करना श्रेष्ठ है।  







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"मनुष्य कितना भी गोरा क्यों ना हो परंतु उसकी
परछाई सदैव काली होती है...!!
"मैं श्रेष्ठ हूँ" यह आत्मविश्वास है
लेकिन....
"सिर्फ मैं ही श्रेष्ठ हूँ"यह अहंकार है !


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            "अंहकार" और "पेट"
               जब बढ़ जाता है,
                  तो 'इंसान....
                चाह कर भी
        "गले" नहीं मिल सकता..!!"
     
      





   
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          "कर्म" एक ऐसा रेस्टोरेंट है ,
               जहाँ ऑर्डर देने की
                  जरुरत नहीं है
             हमें वही मिलता है जो
                 हमने पकाया है।
       
            जिंदगी की बैंक में जब
             " प्यार " का " बैलेंस "
                 कम हो जाता है
             तब " हंसी-खुशी " के
           चेक बाउंस होने लगते हैं।
                 इसलिए हमेशा
                 अपनों के साथ
           नज़दीकियां बनाए रखिए ।
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*"रोने से तो आंसू भी पराये हो जाते हैं,*
*"लेकिन मुस्कुराने से...*
*पराये भी अपने हो जाते हैं !*
*"मुझे वो रिश्ते पसंद है,*
*"जिनमें " मैं " नहीं " हम " हो !!*
*"इंसानियत दिल में होती है, हैसियत में नही,*
*"उपरवाला कर्म देखता है, वसीयत नही..!!*
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                *घमंड* और *पेट*
                जब ये दोनों बढतें हैं..
          तब *इन्सान* चाह कर भी
       किसी को गले नहीं लगा सकता..
      जिस प्रकार नींबू के रस की एक बूँद
     हज़ारों लीटर दूध को बर्बाद कर देती है...
                     ...उसी प्रकार...
                  *मनुष्य* *का* *अहंकार*
              भी अच्छे से अच्छे संबंधों को
                     बर्बाद कर देता है".!!!
      
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: *" नफरतों में क्या रखा हैं ..,*
*मोहब्बत से जीना सीखो..,*
            *क्योकि*
*ये दुनियाँ न तो हमारा घर हैं ...*
                *और ...*
*न ही आप का ठिकाना ..,*
*याद रहे !                                        .       दूसरा मौका सिर्फ*                          
*कहानियाँ देती हैं , जिन्दगी नहीं....*..                                .                         *मानव कितने भी प्रयत्न कर ले*
            *अंधेरे में छाया*
            *बुढ़ापे में काया*
                    *और*
          *अंत समय मे माया*
       *किसी का साथ नहीं देती*
           
     *""सदा मुस्कुराते रहिये""*
 

सुबह की नींद इंसान के इरादों को कमज़ोर करती है


सुबह की नींद इंसान के इरादों
को कमज़ोर करती है |
मंज़िलों को हाँसिल करने वाले कभी देर तक सोया नहीं करते ।
वो आगे बढ़ते है जो सूरज को जगाते है,
वो पीछे रह जाते हैं जिनको सूरज जगाता है!



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हार  से इंसान  खत्म  नही  होता  है,
सही  मायने  में  इंसान  खत्म
तब  होता  है,
जब  कोशिश  करना  छोड़  दे...
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मुश्किल  समय  में
हमेशा  खुद  से  कहते  रहो  कि
"दौड़  अभी  खत्म  नही  हुई  है 
क्योंकि
मैं  अब  तक जीता  नही  हूँ।"



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*मेरे गुरु कहते है* …
      *मत सोच की तेरा*
        *सपना क्यों पूरा नहीं होता*
*हिम्मत वालो का इरादा*
         *कभी अधुरा नहीं होता*
*जिस इंसान के कर्म*
                 *अच्छे होते है*
*उस के जीवन में कभी*
             *अँधेरा नहीं होता* ..