तमारी सफलताथी खुश थनारनेशोधवानो होय छे.

सफलता पछीनो सौथी
अघरो तबक्को,
तमारी सफलताथी खुश थनारने
शोधवानो होय छे.



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कार्य सफल बनाना बडी बात नही,
कार्य को शरू करना ही बडी बात हे.
सिर्फ जुड़ना बड़ी बात नही,
हमेशा जुड़े रहना ही बड़ी बात है...।

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वक्त की एक आदत बहुत
अच्छी है,
जैसा भी हो,
गुजर जाता है!
“कामयाब इंसान खुश
रहे ना रहे.......
खुश रहने वाला इंसान .
कामयाब जरूर हो जाता है ||

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सफल व्यक्ति के पास समाधान होता है,
असफल के पास समस्या,
इसीलिए सफल व्यक्ति समस्या में समाधान देखता है,
और असफल व्यक्ति समाधान में भी समस्या।
        
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जीतने की ख़ुशी में अपने पर घमंड मत करना क्योंकि...
जीतने वाला भी अपना गोल्ड मैडल सर झुका के ही हासिल करता है..!

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"बुराई की खासियत हैं
कि वो कभी हार नहीं मानती
......और
अच्छाई की एक ही खासियत हैं
कि वो कभी हारती नहीं."



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लगातार हो रही असफलताओ से
निराश नही होना चाहिए क्योक़ि
   कभी-कभी गुच्छे की आखिरी
     चाबी ताला खोल देती है।

रास्ते हमेशा पैरों के नीचे होते हैं- "अच्छी सोच" "अच्छा विचार" "अच्छी भावना" मन को हल्का करता है!

कामयाब लोग " अपने फेसले " से दुनिया बदल देते हे !!
और
नाकामयाब लोग दुनिया के डर से "अपने फेसले " बदल लेते हे !!" 

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कामयाब' व्यक्ति की
सिर्फ 'चमक' लोगों को
दिखाई देती है
उसने कितने 'अंधेरे' देखे हैं,
यह कोई नहीं जानता..
यदि सपने सच नहीं हो तो
    रास्ते बदलो...
     """ सिद्धान्त नहीं """...
            क्योंकि
पेड़ हमेशा पत्तियाँ बदलते हैं....
                   जड़ें नहीं।

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मार्टिन लूथर ने कहा था...
"अगर तुम उड़ नहीं सकते तो, दौड़ो !
अगर तुम दौड़ नहीं सकते तो, चलो !
अगर तुम चल नहीं सकते तो, रेंगो !
पर आगे बढ़ते रहो !"
अपनी सोच ओर दिशा बदलो
सफलता आपका स्वागत करेंगी..

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मंजिल चाहे कितनी भी
ऊँची क्यों न हो
रास्ते हमेशा पैरों के नीचे होते हैं!
जो निखर कर बिखर जाए वो "कर्तव्य" है और...
जो बिखर कर निखर जाए
वो "व्यक्तित्व" है !!


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यदि सफलता एक सुन्दर पुष्प है  तो विनम्रता उसकी सुगन्ध।
जिंदगी में जो चाहो हासिल कर लो, बस इतना ख्याल रखना कि, आपकी मंजिल का रास्ता, लोगो के दिलों को तोड़ता हुआ न गुजरे
       "अच्छी सोच"
          "अच्छा विचार"
               "अच्छी भावना"
मन को हल्का करता है! 
    

सफलता के 20 मँत्र बहुत सुन्दर सुविचार एकबार जरुर पढ़ें

सफलता के 20  मँत्र "
1.खुद की कमाई  से कम
          खर्च हो ऐसी जिन्दगी
          बनाओ..!
2. दिन  मेँ कम  से कम
           3 लोगो की प्रशंसा करो..!

3. खुद की भुल स्वीकारने
           मेँ कभी भी संकोच मत
           करो..!

4. किसी  के सपनो पर  हँसो
           मत..!

5. आपके पीछे खडे व्यक्ति
           को भी कभी कभी आगे
           जाने का मौका दो..!

6. रोज हो सके तो सुरज को
           उगता हुए देखे..!

7. खुब जरुरी हो तभी कोई
          चीज उधार लो..!

8. किसी के पास  से  कुछ
           जानना हो तो विवेक  से
           दो बार...पुछो..!

9. कर्ज और शत्रु को कभी
           बडा मत होने दो..!

10. ईश्वर पर पुरा भरोसा
             रखो..!

11. प्रार्थना करना कभी
             मत भुलो,प्रार्थना मेँ
             अपार शक्ति होती है..!

12. अपने काम  से मतलब
             रखो..!


13. समय सबसे ज्यादा
             कीमती है, इसको फालतु
             कामो  मेँ खर्च मत करो..

14. जो आपके पास है, उसी
             मेँ खुश रहना सिखो..!

15. बुराई कभी भी किसी कि
             भी मत करो,
             क्योकिँ  बुराई नाव  मेँ
             छेद समान  है,बुराई
             छोटी हो बडी नाव तो
             डुबो ही देती  है..!

16. हमेशा सकारात्मक सोच
             रखो..!

17. हर व्यक्ति एक हुनर
             लेकर  पैदा होता है बस
             उस हुनर को दुनिया के
             सामने लाओ..!


18. कोई काम छोटा नही
             होता हर काम बडा होता
             है जैसे कि सोचो जो
             काम आप कर रहे हो
             अगर वह काम
             आप नही करते हो तो
             दुनिया पर क्या असर
             होता..?

19. सफलता उनको ही
             मिलती  है जो कुछ
             करते  है

20. कुछ पाने के लिए कुछ
             खोना नही बल्कि  कुछ
             करना पडता है 


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पेड बूढा ही सही,
आंगन में रहनेदो,
फल न सही, छाव तो अवश्य देगा
ठीक उसी प्रकार
माता-पिता बूढे ही सही,
घर में ही रहने दो,
दोलत तो नहीं कमा सकते,
लेकीन आपके बच्चों को संस्कार अवश्य देगे ।।

इसे जितनी जगह पहुंचा
सकते हैं -:- पहुंचायें -:



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हर पतंग जानती है, अंत में कचरे में जाना है...
लेकिन उसके पहले हमें, आसमान छूकर दिखाना है....
जिदंगी भी यही चाहती है
कोशिश आखरी "सांस" तक करनी चाहिए...
"मंजिल" मिले या "तजुर्बा" चीजे दोनो ही नायाब है...

करते रहे इंतज़ार , उनकी जिंदगी में आजभी झमेले है।

जीत पक्की है


कुछ करना है, तो डटकर चल,
           थोड़ा दुनियां से हटकर चल,
लीक पर तो सभी चल लेते है,
          कभी इतिहास पलटकर चल।
बिना काम के मुकाम कैसा ?          
         बिना मेहनत के, दाम कैसा ?
जब तक ना हासिल हो मंज़िल
          तो राह में,राही आराम कैसा ?
अर्जुन सा, निशाना रख, मन में,
          ना कोई बहाना रख !
लक्ष्य तेरे सामने है बस,
      उसी पे अपना ठिकाना रख !!
सोच मत, साकार कर,
         अपने कर्मो से प्यार कर !
मिलेगा तेरी मेहनत का फल,
         किसी का ना इंतज़ार कर !!
जो चले थे अकेले
          उनके पीछे आज मेले है ...
जो करते रहे इंतज़ार ,
   उनकी जिंदगी में आजभी झमेले है।



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कामयाब लोग अपने फैसले से
दुनिया बदल देते हैं और
नाकामयाब लोग दुनिया के ङर
से अपने फैसले बदल लेते हैं
        

सफलता सुविचार- अगर लोग आपकी अच्छाई को आपकी कमजोरी समझने लगते हैं, तो यह उनकी समस्या है, आपकी नहीं.

*श्रेष्ठ वही है जिसमें...*
*दृढ़ता हो, जिद नहीं.*
*बहादुरी हो, जल्दबाजी नहीं.*
*दया हो, कमजोरी नहीं.*
*ज्ञान हो, अहंकार नहीं*
*करूणा हो, प्रतिशोध नहीं*
*निर्णायकता हो, असमंजस नहीं....*
*अगर लोग आपकी अच्छाई को आपकी कमजोरी समझने लगते हैं,  तो यह उनकी समस्या है, आपकी नहीं...*
*आपका दिन शुभ हो...*
    *ऐसी मंगलभावनाओं सहित सादर......*




जिसका विवेक शून्य हो जाता है वह इंसान ही मानसिक गुलाम होता है     

जिसका विवेक शून्य हो जाता है वह इंसान ही मानसिक गुलाम होता है
                          

मन्दिर के पुजारी ने कहा
   "मानो तो देव नही तो पत्थर"
    मैने कहा आप क्या मानते हो,उसने बोला मै तो देव मानता हुँ
    मैने कहा देव मानने से चलना फिरना चालू कर देगे,उन्होने बोला नही
     मैने कहा देव मानकर जो चढ़ावा चढ़ाते है उसको खा लेते है ,उन्होने बोला नही
       मैने कहा देव मानकर जो पूजा करते है उनके सर पर हाथ रखकर आशिर्वाद देते है,उन्होने बोला नही
      मैने कहा फिर क्यो देव मानकर पूजा करते हो,उन्होने कहा मनोकामनाऐ पूर्ण हो जाती है
       मैने कहा क्या सभी भक्तो की यही मनोकामना होती है कि गरीबी बरकार रहे,अत्याचार होता रहे,बलात्कार होते रहे,भ्रष्टाचार बढ़े,और हमेशा परेशानियो का समना करता रहुँ
      पुजारी आज तक निरुत्तर है.
    21वीं सदी है भाई कब सुधरोगे.
  सोचो पहले पुजारी के लिए दानपात्र और श्रद्धालुओ के लिए घण्टा लटकाया हुआ है
    दानपात्र मे पैसै डालो ,घण्टा बजाओ और घर चले जाओ.कुछ नही मिलने वाला बेजान मूर्तियो से .
धर्म अगर सबको शिक्षा, सुरक्षा, रोजगार की गारंटी नहीं दे सकता तो फिर धर्म की जरूरत क्या है?

आज शोषित समाज को जो थोड़ा बहुत सम्मान मिल रहा है वो शिक्षा व संविधान के कारण मिल रहा है ना कि दैवीय शक्ति व धर्मग्रन्थ के कारण।

सम्मान चाहिए तो....
शिक्षित बनिये, धार्मिक नहीं।।
*अज्ञानता से भय पैदा होता है*
     *भय से अंधविश्वास पैदा होता है*
     *अंधविश्वास से अंधभक्ति पैदा होती है*
     *अंधभक्ति से व्यक्ति का विवेक शून्य हो*
     *जाता है और जिसका विवेक शून्य हो जाता है*
      *वह इंसान ही मानसिक गुलाम होता है |*
                            *"अज्ञानी नहीं ज्ञानी बनो"*